हैलो दोस्तो नमस्कार, कैसे आप सभी उम्मीद है सब बहुत बढि़या से होगे दोस्तों, मै जानता हूँ कि आप सभी साथी इतने जागरूक होगे कि, हमारे लिये क्या विचार अच्छे है, क्या बुरे है। यह सत्य है कि, Negative Thought, नकारात्मक सोच, Negative Thinking हमें बुरी तरह से प्रभावित है, परंतु फिर भी जाने अनजाने में हम नकारात्मक विचारों, दूसरों की कही गयी नकारात्मक बातों से प्रभावित होकर अपनी सोच को धीरे-धीरे नकरात्मक बना लेते है। जिससे हमारा मन दूषित हो जात है,मन में धीरे-धीरे नकारात्मक विचार,नकारात्मक कल्पनाऍं,हरेक काम को करने में डर, एक अनजाना डर, किसी भी कार्य को करने में मन का न लगना ये सारी चीजें एक के बाद एक आदमी की जिंदगी में घटने लगती है। इस प्रकार इन Negative Thinking वाला व्यक्ित धीरे-धीरे आदमी पतन की और जाने लगता है।
नकारात्मक विचार को कैसे दूर करें
Negative Thinking का मस्तिष्क में हर समय चिंतन करते रहना रोगों का मूल कारण है। नीच और हीन नकारात्मक विचारों से मनुष्य का स्वास्थ्य दिन प्रतिदिन गिरता चला जा रहा है।
बुरे विचार अपने साथ चिंता, भय, क्रोध, कलह आदि लाते हैं। ये ऐसे Negative Thinking है जो थोड़े ही दिनों में आदमी के उत्साह,आत्मविश्वास को जलाकर आदमी को खोखला कर देती है।
शरीर में समस्त ज्ञान तंतुओं का संबंध मस्तिष्क से रहता है और वहीं से प्रेरणा प्राप्त होती है। मन मस्तिष्क में उठने वाले विचारों का, रस उत्पन्न करने वाली ग्रंथियों, पाचन क्रिया और शरीर के अंगों पर असर पड़ता रहता है।
नकारात्मक विचार के परिणाम
हर घड़ी स्वार्थ, भय, चिंता, अनुदारता और लोभ से भरे Thoughts मस्तिष्क में रहने से गंभीर बीमारी का आगमन दिखाने लगता है। अच्छी और कीमती दवाइयां भी बेअसर होने लगती हैं। असयम मानसिक रोगी को मौत के मुंह में जाते देखा जाता है।![]() |
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शरीर में समस्त ज्ञान तंतुओं का संबंध मस्तिष्क से रहता है और वहीं से प्रेरणा प्राप्त होती है। मन मस्तिष्क में उठने वाले विचारों का, रस उत्पन्न करने वाली ग्रंथियों, पाचन क्रिया और शरीर के अंगों पर असर पड़ता रहता है।
नकारात्मक विचार के बारे में विशेषज्ञ के विचार
डा.आल्टन लिखते हैं कि भय,ईष्या, घृणा, बुरे विचार, निराशा, अविश्वास और मानसिक विकार शरीर की स्वाभाविक क्रियाओं को मंद करके खून को सुखा देते हैं।डा. वेन लिखते हैं संताप और मनोव्यथा के कारण कई लोगों की मृत्यु हो गयी और अनेकों का मस्तिष्क खराब हो गया।
डारबिन साहब कहते हैं चिरकालीन चिंता से रक्त की गति धीमी हो जाती है और चेहरे पर पीलापन मांस-पेशियों में शुष्कता आ जाती है, पलकें झूल पड़ती हैं, छाती बैठ जाती है, गरदन झुक जाती है एवं होंठ, जबड़ा और सिर आदि गिर जाते हैं। हंसते आदमी पर घोर उदासी छा जाती है।
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डा. तुकेने का कथन है कि पागलपन, लकवा, हैजा, यकृत रोग, बालों का जल्दी सफेद होना, गंजापन, रक्त की कमी, गर्भपात, मूत्र रोग, चर्म रोग, फोड़े, पसीने की अधिकता, दांत जल्दी गिरना आदि रोगों की जड़ में भय या संताप छिपा रहता है।ये सब NegativeThinking,Negative Attitude,नकारात्मक बातों की जड़ में होता है।
नकारात्मक विचार को कैसे दूर करें:
उपरोक्त शोध से यह स्पष्ट होता है कि मन में बुरे विचार अर्थात Negative Thinking लाने से शरीर का अनिष्ट होता है, अत: स्वस्थ रहने की इच्छा रखने वालों को चाहिये कि,
1.सदैव प्रसन्न रहें,Negative Thinkingअर्थात दुष्ट विचारों को पास न फटकने दें।
2.Negative Thinking या बुरे विचारों से पीडि़त व्यक्ित को हमेंशा सकारात्मक माहौल में रहना चाहिये एवं अच्छे साहित्य,किताबें पढ़नी चाहियें।
3.Negative Thinking वाले व्यक्ित को स्वास्थ्य एवं सत्संग करना चाहिये।
4.अच्छा साहित्य जो समाधानकारी हो का पठन पाठ्न करना अति उत्तम रहता है।
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5. अपने खडें होने,बातचीत करने के तरीके में बदलवा लाकर हम काफी हद तक Negative Thinking से मुक्ित मिलती है।
जैसे:- जब भी आप खडे़ हो तो दोनों पैरों पर बराबर वजन रखें इससे आपके Mind को सकारात्मक संदेश जाता है और नकारात्मक विचार दूर होने में सहायता मिलती है। क्योंकि हमारा माइंड बॉडी की भाषा समझता है।
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6. आप इस बात को हमेशा अपने दिमाग में रखिये कि जो कुछ भी हो रहा है, अच्छा हो रहा है और इस Condition में अपने आप से सवाल पूछ सकते हैं। कि इस समय मेरे साथ जो घटना घटित हो रही है उसमें क्या अच्छा हो सकता है। हो सकता है पहली बार में आपकों कोई उत्तर नही मिलें परतु जब आप अपने Mind को बार-बार अच्छी बात ढूंंढकर लाने को आदेश देगे तो आप देखेगे कि आपका Mind उस दिशा में कार्य करना शुरू करना प्रांरभ कर देता है और कोई ना कोई सकारात्मक बात आपको पता चल जायेगी। इसका आप अनुभव करें और अपना अनुभव इस ब्लॉग पर शेयर करें। इस प्रकार आपको Negative Thinking दूर करने में सहायता मिलेगी ।
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7.Negative Thinking को आप हमारी प्राचीन पद्धति के अन्तर्गत होने वाले व्रत, अनुष्ठान, जप, गोदान, अन्नदान आदि कार्य के सकारात्मक विचारों में परिवर्तित कर सकते है। Negative Thinking ,विचारों को दूर करने का उपाय हिंदू धर्म शास्त्रों में निहित है,और इनका पालन निष्ठापूर्वक करने से काफी हद तक Negative Thinking को दूर करने में सहायता मिलती है।
इस प्रकार के उपाय,कार्य करने के पीछे यह रहस्य है कि इस प्रकार Negative Thinking वाले व्यक्ित में त्याग, उदारता वाली भावनाएं पनप जाएं और नकारात्मक,द्धेष,जलन,कुठा,ईर्ष्या की Negative Thinking की भावनाऐं खत्म हो जायें जिसके फलस्वरूप मानसिक कष्ट दूर होकर मनुष्य जीवन में उपलब्धयिों को प्राप्त करें यें। जिन नकारात्मक विचारों से पीडित रोगियों को धन की सुविधा न हो, उन्हें 'राम नाम' या 'गायत्री महामंत्र' अथवा अन्यमंत्र जपने की क्रिया करनी चाहिये। इस प्रकार आप निश्िचत रूप से Negative Thinking से मुक्त हो जायेगे।
Team - Positivebate
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